प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को महिला उद्यमियों के लिए ₹ 1,625 करोड़ जारी करते हुए बताया कि स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के लिए ऋण सीमा ₹ 10 लाख से बढ़ाकर ₹ 20 लाख किया गया।
प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘आत्मनिर्भर नारी शक्ति से संवाद’ कार्यक्रम में उन्होंने दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) से जुड़ी महिला स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों से बात की। पीएमओ के अनुसार, डीएवाई-एनआरएलएम का उद्देश्य ग्रामीण गरीब परिवारों को चरणबद्ध तरीके से स्वयं सहायता समूहों में शामिल करना और उनकी आय और जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए दीर्घकालिक सहायता प्रदान करना है।
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि भारत सरकार ने महिलाओं में उद्यमिता का दायरा बढ़ाने के लिए आत्मनिर्भर भारत के संकल्प में अधिक भागीदारी के लिए बड़ी आर्थिक मदद जारी की गई है। खाद्य प्रसंस्करण उद्यम हों, महिला किसान उत्पादक संघ, या अन्य स्वयं सहायता समूह, ऐसे लाखों महिलाओं के समूहों को ₹ 1,600 करोड़ से अधिक की धनराशि भेजे गए हैं।
प्रधानमंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि “कोरोना में जिस तरह से हमारी बहनों ने एसएचजी के माध्यम से देश की सेवा की, वह अभूतपूर्व है। मास्क और सैनिटाइजर बनाना, जरूरतमंदों तक भोजन पहुंचाना, जागरूकता का कार्य करना, सखी समूहों का योगदान हर तरह से अतुलनीय रहा है, उन्होंने कहा कि भारत में कम से कम 420 मिलियन जन धन बैंक खाते हैं, जिनमें से 55% महिलाओं के नाम पर हैं।
प्रधानमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों से एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसके विकल्प पर काम करने का आग्रह किया। उन्होंने उनसे सरकारी ई-मार्केटप्लेस का पूरा लाभ उठाने का भी आग्रह किया।
केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह, केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस, राज्य मंत्री, ग्रामीण विकास, साध्वी निरंजन ज्योति और फग्गन सिंह कुलस्ते, MoS, पंचायती राज, कपिल मोरेश्वर पाटिल, और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, प्रहलाद सिंह पटेल भी इस अवसर पर उपस्थित थे।