Saturday, July 27, 2024
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    नए लॉजिस्टिक नीति को आज मिल सकती है स्वीकृति, 17 सितंबर को किया गया था पॉलिसी का ऐलान

    पीएम ने लॉजिस्टिक के नई नीति को  बताते हुए कहा था कि इसका उद्देश्य लॉजिस्टिक लागत को कम करना है और इसके लागू होने से सकल घरेलू उत्पाद के 13-14 प्रतिशत के वर्तमान स्तर से घटाकर इकाई अंक तक ले आना है.

    आज होने वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति को जमीन पर उतारने की प्रक्रिया को मंजूरी मिल सकती है. सूत्रों के हवाले से पता चला है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की हाने वाली बैठक में राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति के स्वीकृति प्रस्ताव को रखा जा सकता है. पीएम मोदी ने गत 17 सितंबर को इस नीति की रूपरेखा बता कर संकेत दे चुके हैं. इसके लागू होने के परिणाम स्वरूप देशभर में उत्पादों के निर्बाध आवागमन और सुचारू होगा और लागत में भी कटौती आएगी. जिससे जीडीपी को डबल डिजिट से सिंगल डिजिट तक लाने के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी.

    पीएम मोदी ने राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति को बताते हुए कहा था कि इस पॉलिसी का उद्देश्य लॉजिस्टिक लागत को घटा कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 13-14 प्रतिशत के वर्तमान स्तर से इकाई अंक में लाना है. राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति के अंतर्गत एक एकीकृत लॉजिस्टिक इंटरफेस मंच (यूलिप) का विकास किया जाएगा, जो की सरकारी एवं निजी एजेंसियों के सहायक के रूप में पर काम करेगा. यह नीति से आने वाले सालों में लॉजिस्टिक के लागत में 7.5 प्रतिशत तक कम करना है जिसमें यूलिप सहायता प्रदान करेगी. यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म (यूलिप) और ईज ऑफ लॉजिस्टिक्स सर्विसेज (ई-लॉग्स) जैसे नीति तत्व निर्यातकों और उद्योग को लॉजिस्टिक दक्षता बढ़ाने में सहयोग प्रदान करेंगे.

    वहीं इस नीति के घोषणा के पश्चात केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यह नीति भारत के लॉजिस्टिक क्षेत्र को पूरी तरह से बदल देगी, माल की निर्बाध आवाजाही को बढ़ावा देगी और कार्बन उत्सर्जन को कम करेगी. वहीं उद्योग इंडस्ट्री के विशेषज्ञों ने भी इस नीति का स्वागत किया और कहा कि इस नयी राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति के साथ दक्षता में सुधार और लागत में कमी से ग्राहकों को लाभ होगा और उन्हें कम मूल्य पर उत्पाद मिलेंगे. वहीं एविएशन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि हमें लॉजिस्टिक लागत को घटाकर एक अंक में लाने और सुधारों के बारे में प्रतिमान बदलने की जरूरत है.

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