Saturday, July 27, 2024
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    संविधान दिवस पर बोले मोदी- 1949 में इसी दिन, स्वतंत्र भारत ने अपने भविष्य के लिए महान नींव रखी थी।

    आज 26 नवंबर संविधान दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी समारोह में शामिल हुए और उच्चतम न्यायालय में आयोजित इस कार्यकम में सीजेआई डी. वाई. चंद्रचूड़, कानून मंत्री किरेन रिजिजू और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जज भी उपस्थित रहे। आज ही के दिन सन 1949 में संविधान सभा द्वारा भारत के संविधान को अपनाया गया था और इसी खास अवसर को 2015 से संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। प्रधानमंत्री  ने ‘जस्टिस’ मोबाइल ऐप 2.0, डिजिटल कोर्ट, ‘वर्चुअल जस्टिस क्लॉक’ और ‘S3WaaS’ वेबसाइट का भी शुभारम्भ किया।

    समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “1949 में इसी दिन, स्वतंत्र भारत ने अपने भविष्य के लिए महान नींव रखी थी। यह संविधान दिवस और भी खास हो जाता है क्योंकि भारत आजादी के 75 साल की अपनी यात्रा पूरी करने के बाद आगे बढ़ रहा है। संविधान की प्रस्तावना के पहले तीन शब्द- ‘We The People’ केवल शब्द नहीं हैं… ये एक आह्वान है, एक प्रतिज्ञा है, एक विश्वास है। आज दुनिया हमें बहुत उम्मीदों से देख रही है। आज पूरे सामर्थ्य से, अपनी सभी विविधताओं पर गर्व करते हुए ये देश आगे बढ़ रहा है और इसके पीछे हमारी सबसे बड़ी ताकत हमारा संविधान है। Pro People की ताकत से आज देश का सशक्तिकरण हो रहा। सामान्य मानवी के लिए कानूनों को सरल बनाया जा रहा है। आजादी का ये अमृत काल देश के लिए ‘कर्तव्य काल’ है। व्यक्ति हों या संस्थाएं… हमारे दायित्व ही हमारी पहली प्रतिज्ञा है। भारत की Mother of Democracy के रूप में जो पहचान है, हमें उसको और भी अधिक सशक्त करना है। हमारे संविधान की स्पिरिट ‘Youth Centric है। आज संविधान दिवस पर मैं देश की न्यायपालिका से एक आग्रह भी करूंगा कि- युवाओं में संविधान को लेकर समझ बढ़े इसके लिए डिबेट और डिस्कशन को बढ़ाना चाहिए।

    इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने ई-कोर्ट परियोजना के अंतर्गत अनेक नई पहल का भी शुभारंभ किया। ये परियोजनाएं न्यायालयों की आईसीटी सक्षमता के माध्यम से वादियों, वकीलों और न्यायपालिका को सेवाएं उपलब्ध करने का प्रयास है। प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा प्रारम्भ इन पहलों में वर्चुअल जस्टिस क्लॉक, ‘जस्टिस’ मोबाइल ऐप 2.0, डिजिटल कोर्ट और ‘S3WaaS’ वेबसाइट्स शामिल हैं।

    वर्चुअल जस्टिस क्लॉक कोर्ट के माध्यम से न्याय वितरण प्रणाली के महत्वपूर्ण आंकड़ों को दर्शाने की पहल है, जिसमें दिन/सप्ताह/महीने के आधार पर कोर्ट स्तर पर दायर मामलों, निपटाए गए मामलों और लंबित मामलों का विवरण प्रदर्शित होगी। इसके जरिये कोर्ट द्वारा निपटाये गये मुकदमों की अपडेट जनता के साथ साझा कर न्यायिक प्रक्रिया को जवाबदेह और पारदर्शी बनाने का एक प्रयास है। सामान्य लोग भी जिला न्यायालय की वेबसाइट पर किसी भी अदालत की वर्चुअल जस्टिस क्लॉक का उपयोग कर सकते हैं।

    जस्टिस मोबाइल ऐप 2.0 न्यायिक अधिकारियों के लिए अदालत और मुकदमों के उचित प्रबंधन करने में मदद करने वाली एक डिवाइस है, जो उनकी अपनी अदालत के साथ ही उनके अधीन काम करने वाले विभिन्न जजों के समक्ष लंबित मामलों और उसके निपटान की निगरानी करने का कार्य करता है। यह ऐप हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों के लिए भी उपलब्ध कराया गया है, जो अब अपने अधिकार क्षेत्र के तहत सभी राज्यों और जिलों के लंबित मामलों और उसके निपटान पर अपनी दृष्टि बनाए रख सकते हैं।

    डिजिटल कोर्ट, अदालतों में कागजों के प्रयोग को कम करने की दिशा में एक पहल है, जिसका उद्देश्य न्यायाधीश को अदालत के रिकॉर्ड डिजिटल रूप में उपलब्ध कराना है।

    S3WaaS वेबसाइट्स, जिला स्तर की न्यायपालिका से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराने हेतु वेबसाइटों का निर्माण, कॉन्फ़िगर करने, तैनात करने और प्रबंधित करने का एक क्लाउड सेवा है, जिसे सरकारी संस्थाओं के लिए सुरक्षित, मापनीय और सुगम्य वेबसाइट बनाने के लिए विकसित किया गया है। यह बहुभाषी, नागरिकों व दिव्यांगों के अनुकूल है।

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