Saturday, July 27, 2024
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    जैव ऊर्जा संयंत्र बनकर तैयार, यह संयंत्र होगा भारत का सबसे बड़ा बायोगैस उत्पादक

    जैव ऊर्जा से बायोगैस और खाद बनाने वाला भारत का सबसे बड़ा संयंत्र बनकर तैयार हो गया है, और इसका संचालन 18 अक्टूबर से प्रारम्भ हो जाएगा। यह संयंत्र पंजाब राज्य के लहरागागा में स्थापित किया गया है। इस संयंत्र को बनाने में लगभग 220 करोड़ रुपये की लागत आयी है, इसे बनाने वाली कंपनी जर्मनी स्थित वर्बियो एजी की भारतीय सहायक कंपनी है। इस संयंत्र के स्थापना का उद्देश्य प्रति वर्ष 1.5 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करना है। और इसके लिए फसल अवशेषों (पराली) को रिसाइकल करके बायोगैस और खाद का उत्पादन करेगा।. यह पंजाब में किसानों को पराली जलाने से रोकने और पराली प्रबंधन के लिए अब तक की सबसे बड़ी परियोजना है।

    वर्बियो इंडिया के प्रबंध निदेशक ने जानकारी देते हुए कहा है कि हमने फसल अवशेषों (पराली) की खरीद हेतु किसानों से करार किया है, जो एक वर्ष में 1 लाख टन धान की पराली तक जाने की संभावना है. उन्होंने आगे बताया कि यह संयंत्र प्रतिदिन 33 टन कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) और 600-650 टन किण्वित जैविक खाद बनाएगा।  और इसके द्वारा उत्पादित कंप्रेस्ड बायोगैस की आपूर्ति इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के 10 आउटलेट्स को भेजी जाएगी। इस संयंत्र से 40-45 हजार एकड़ भूमि पर किसानों को पराली जलाने से रोकेगा। हाल ही में पंजाब सरकार द्वारा एक्स-सीटू प्रबंधन हेतु नीति बनायी गयी थी और सरकार ने इसके सुचारू क्रियान्वयन के लिए एक टास्क फोर्स का भी गठन किया है. इस वर्ष कुल 18.32 मिलियन टन पराली के उत्पादन में से एक्स-सीटू के माध्यम से 2.10 मिलियन टन का उपयोग किया गया और इसे 2023-24 तक बढ़ाकर 4.88 मिलियन टन किये जाने पर विचार हो रहा है.

    आशीष बताते हैं हैं कि पंजाब के कुछ उद्यमी कंप्रेस्ड बायोगैस इकाइयां स्थापित कर रहे हैं और अधिकारियों ने कहा कि पंजाब में कृषि विभाग भी इस विषय पर पहले से सक्रिय है. आशीष कुमार ने कहा कि उन्हें आशा है कि कार्बन क्रेडिट अर्जित करने की प्रणाली भी जल्द ही लागू की जाएगी. तीन वर्ष पूर्व राज्य सरकार द्वारा केंद्र को हलफनामे के माध्यम से कहा था कि पराली प्रबंधन के लिए उनके पास एकमात्र विकल्प इन-सीटू प्रबंधन था.

    केंद्रीय सहायता प्राप्त करने के लिए किसानों को सब्सिडी पर सैकड़ों पराली प्रबंधन मशीनें फसल अवशेष प्रबंधन हेतु वितरित किया गया था। हालांकि, पराली के बेहतर प्रबंधन के लिए आम आदमी पार्टी की सरकार ने एक्स-सीटू प्रबंधन के अंतर्गत राज्य में 41 सीबीजी संयंत्र स्थापित करने की योजना पर काम कर रही है। इनमें 5 लुधियाना, 4 जालंधर, 4 बठिंडा और 4 गुरदासपुर में पहले से ही हैं। और 3 मोगा और 3 होशियारपुर में स्थापित की जाएंगी। अधिकारियों की माने तो उन्होंने अपनी सीएनजी पाइप लाइन के माध्यम से सीबीजी के उठान के लिए सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी से इस मुद्दे पर करार भी कर लिया है।

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