Saturday, July 27, 2024
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    अखिलेश यादव ने भाजपा के किसान संपर्क अभियान का उड़ाया मजाक और कहा – किसान 2022 में बीजेपी के विरूद्ध वोट करेंगे’

    समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे विरोध के बीच किसानों तक पहुंचने की भाजपा की योजना पर कटाक्ष किया।

    समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे विरोध के बीच किसानों तक पहुंचने की भाजपा की योजना पर कटाक्ष किया। उन्होंने तर्क दिया कि भगवा पार्टी ने किसानों को याद किया है क्योंकि वे जल्द ही अगले साल की शुरुआत में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में एक महत्वपूर्ण वोट बैंक के रूप में उभरेंगे। हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि किसान जेपी नड्डा के नेतृत्व वाली पार्टी के झूठे वादों के झांसे में नहीं आएंगे। उन्होंने यह भी दावा किया, “किसान 2022 में भाजपा के खिलाफ सामूहिक रूप से मतदान करेंगे”। 

    इससे पहले बुधवार को सूत्रों ने रिपब्लिक को बताया कि भाजपा के किसान नेता पश्चिमी यूपी के 104 विधानसभा में प्रवास कर किसानों से संवाद करेगी।  इसके अलावा, किसानों की एक विशाल बैठक 25 अगस्त को लखनऊ में होगी और उसके बाद 5-10 दिसंबर के बीच मेरठ में ‘किसान सम्मेलन’ होगा। इसके अलावा भाजपा यूपी के हर गांव में ‘किसान चौपाल’ का भी आयोजन करेगी।

    सूत्रों के अनुसार, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ 200 किसानों की बैठक की व्यवस्था की जाएगी ताकि उनकी चिंताओं का समाधान किया जा सके। इसे भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के प्रतिवाद के रूप में देखा जा रहा है जो किसान पंचायतों का आयोजन कर राज्य में किसानों को लामबंद करते रहे हैं। गन्ना किसानों का बकाया, गेहूं खरीद में अनियमितता, महंगी बिजली और महंगाई जैसे मुद्दों पर भाजपा सरकार को आड़े हाथ लेते हुए टिकैत ने चेतावनी दी है कि किसान यूपी के साथ-साथ उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भी भाजपा का “बहिष्कार” करेंगे। 

    कृषि कानूनों पर गतिरोध

    फिलहाल तीन कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच बातचीत ठप हो गई है। तथा किसान संगठनों ने कृषि कानूनों के कार्यान्वयन को डेढ़ साल के लिए निलंबित करने के केंद्र के प्रस्ताव से सहमत होने से इनकार कर दिया। किसानों की ट्रैक्टर रैली के हिंसक होने के बाद 26 जनवरी को दोनों पक्षों के बीच विभाजन और बढ़ गया, जिसके परिणामस्वरूप 510 दिल्ली पुलिस के जवान घायल हो गए और सार्वजनिक संपत्ति को व्यापक नुकसान हुआ।

    जबकि सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी है, शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त एक समिति ने 19 मार्च को एक सीलबंद लिफाफे में कानून से संबंधित अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। अब तक, 6 राज्य- पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़, केरल, पश्चिम बंगाल और दिल्ली ने अपनी-अपनी विधानसभाओं में एक प्रस्ताव पारित कर कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है। 

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