Saturday, July 27, 2024
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    गुमनाम नायकों, स्वतंत्रता सेनानियों के नाम से सभी 23 AIIMS को मिल सकती है पहचान, तैयारी में सरकार

    देशभर के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान के रूप में स्थापित ऑल इंडिया इस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस अर्थात AIIMS के नाम परिवर्तित कर स्थानीय नायकों, स्वतंत्रता सेनानियों, क्षेत्र की ऐतिहासिक घटनाओं अथवा स्मारकों के नाम से जानेंगे। केंद्र सरकार इसकी तैयारी कर रही है। सबकुछ ठीक रहा तो बहुत जल्दी ही एम्स को हम आप अन्य नामों से जानेंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार मोदी सरकार एम्स के नाम में बदलाव कर इन्हें स्थानीय नायकों, स्वतंत्रता सेनानियों, गुमनाम नायकों या फिर उस क्षेत्र के ऐतिहासिक स्मारकों के नाम पर रख सकती है। इस दौरान भारत सरकार ने इन सभी 23 एम्स को नाम देने की तैयारी में है, इस कार्य हेतु केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा सुझाव मांगे गए थे जिसके बाद ज्यादा तर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) द्वारा नामों की सूची मंत्रालय को सौंप दी है।

    विगत 2015 के बाद से 16 एम्स की स्थापना हुई। जिनमें से 10 संस्थानों में एमबीबीएस और ओपीडी की सेवाएं प्रारम्भ हो चुकी हैं, और अन्य दो में केवल एमबीबीएस पाठ्यक्रम की कक्षाओं का संचालन किए जा रहे हैं । बचे हुए शेष चार एम्स संस्थान अभी निर्माणाधीन हैं।

    बिहार (पटना), ओडिशा (भुवनेश्वर), राजस्थान (जोधपुर), छत्तीसगढ़ (रायपुर), मध्य प्रदेश (भोपाल) और उत्तराखंड (ऋषिकेश) इन 6 नए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान को प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) के प्रथम चरण में स्वीकृति दी जा चुकी थी। और अब इनका संचालन पूरी तरह प्रारम्भ हो चुका है।

    मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान किसी विशेष  नाम से नहीं जाने जाते हैं उन्हें केवल उनके स्थान विशेष से लोग पहचानते है। अभी वर्तमान में कई अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान संचालित हो रही हैं जबकि अन्य प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) के अंतर्गत स्थापित किए जा रहे हैं।

    सूत्र के अनुसार इस संबंध में विभिन्न एम्स को उनके विशिष्ट नाम स्थानीय या क्षेत्रीय नायकों, स्वतंत्रता सेनानियों, क्षेत्र की विशिष्ट भौगोलिक पहचान से जोड़ा जाएगा, जहां संबंधित एम्स स्थित है। ऐसे में भारत सरकार चाहती है कि इन्हें सामान्य नाम से न जान कर लोग इसे देश पर प्राण न्योछावर करने वालों या फिर विषेश स्मारकों के नाम से जाने। ऐसी जानकारी मिल रही है कि अधिकतर एम्स ने सुझाए गए नामों के लिए विस्तृत व्याख्या के साथ तीन से चार नामों का सुझाव मंत्रालय को भेज दिये हैं। इस बदलाव के साथ ही एम्स को एक नई पहचान मिल जाएगी।

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