Saturday, July 27, 2024
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    पीएम मोदी ने भारतीय नौसेना के नए ध्वज का किया अनावरण, देश को सौंपा आई.एन.एस. विक्रान्त

    पीएम मोदी ने आज कोच्चि में, कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड की तरफ से बनाए गए देश के पहले स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत आई.एन.एस. विक्रान्त भारतीय नौसेना को सुपुर्द किया। आई.एन.एस. विक्रान्त भारतीय सामुद्रिक इतिहास का सबसे विशाल युद्ध पोत है।

    कोच्चि में पीएम मोदी ने भारतीय नौसेना को भारत का पहली स्वदेशी विमानवहक युद्धपोत आई.एन.एस. विक्रान्त सौंप दिया। पीएम मोदी ने कोचीन शिपयार्ड में स्वदेशी और स्वचालित अत्याधुनिक यंत्रों से परिपूर्ण विमान वाहक युद्धपोत आई.एन.एस. विक्रान्त का जलावतरण कराया. जिसके निर्माण में कुल 20 हजार करोड़ रुपये की लागत आयी है। इस दौरान पीएम नए नौसेना के प्रतीक ध्वज का अनावरण भी किया। इस अवसर पर देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की भी उपस्थिति रही।

    आइये जानते हैं इस मौके पर पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें –

    स्वदेशी सामर्थ्य, स्वदेशी संसाधन और स्वदेशी कौशल का प्रतीक है आई.एन.एस. विक्रान्त

    इस दौरान अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि “केरल के समुद्री तट पर पूरा भारत एक नए भविष्य के सूर्योदय का साक्षी बन रहा है. आई.एन.एस. विक्रान्त पर हो रहा यह आयोजन, विश्व क्षितिज पर भारत के बुलंद होते हौसलों की हुंकार है।

    विक्रान्त विशाल है, विराट है, विहंगम है। विक्रान्त विशिष्ट है, विक्रान्त विशेष भी है। विक्रान्त सिर्फ एक युद्धपोत नहीं है। ये 21वीं सदी के भारत के परिश्रम, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

    आई.एन.एस. विक्रान्त के हर भाग की अपनी एक खूबी है, एक ताकत है, अपनी एक विकासयात्रा भी है। ये स्वदेशी सामर्थ्य, स्वदेशी संसाधन और स्वदेशी कौशल का प्रतीक है। इसके एयरबेस में जो स्टील लगी है, वो स्टील भी स्वदेशी है।

    आत्मनिर्भर होते भारत का अद्वितीय प्रतिबिंब है आई.एन.एस. विक्रान्त

    पीएम मोदी आगे कहते हैं कि, यदि लक्ष्य दुरन्त हैं, यात्राएं दिगंत हैं, समंदर और चुनौतियां अनंत हैं, तो भारत का उत्तर यानी जवाब है विक्रान्त। उन्होंने कहा कि, आजादी के अमृत महोत्सव का अतुलनीय अमृत है विक्रान्त। आत्मनिर्भर होते भारत का अद्वितीय प्रतिबिंब है विक्रान्त।

    भारत विश्व के उन देशों में शामिल हो गया है, जो स्वदेशी तकनीक से इतने विशाल एयरक्राफ्ट कैरियर का निर्माण करता है। आई.एन.एस. विक्रान्त ने देश को एक नए विश्वास से भर दिया है।

    छत्रपति वीर शिवाजी महाराज ने इस समुद्री सामर्थ्य के दम पर ऐसी नौसेना का निर्माण किया, जो दुश्मनों की नींद उड़ाकर रखती थी। जब अंग्रेज भारत आए, तो वो भारतीय जहाजों और उनके जरिए होने वाले व्यापार की ताकत से घबराए रहते थे।

    अब तक भारतीय नौसेना के ध्वज पर गुलामी की पहचान बनी हुई थी। लेकिन अब आज से छत्रपति शिवाजी से प्रेरित, नौसेना का नया ध्वज समंदर और आसमान में लहराएगा।

    आज से भारतीय नौसेना को मिला एक नया ध्वज

    पीएम मोदी आगे कहते हैं कि, 2 सितंबर, 2022 की ऐतिहासिक तारीख को, इतिहास बदलने वाला एक और काम हुआ है। आज भारत ने, गुलामी के एक निशान, गुलामी के एक बोझ को अपने सीने से उतार दिया है। आज से भारतीय नौसेना को एक नया ध्वज मिला है।

    विक्रान्त जब हमारे समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा के लिए उतरेगा, तो उस पर नौसेना की अनेक महिला सैनिक भी तैनात रहेंगी। समंदर की अथाह शक्ति के साथ असीम महिला शक्ति, ये नए भारत की बुलंद पहचान बन रही है। अब इंडियन नेवी ने अपनी सभी शाखाओं को महिलाओं के लिए खोलने का फैसला किया है। जो पाबन्दियां थीं वो अब हट रही हैं।

    शक्ति और शांति इसी ध्येय के साथ हम आगे बढ़ेंगे

    पीएम मोदी आगे कहते हैं कि, जिस तरह, बूंद-बूंद जल से जैसे विराट समंदर बन जाता है। वैसे ही भारत का एक-एक नागरिक ‘वोकल फॉर लोकल’ के मंत्र को जीना प्रारंभ कर देगा, तो देश को आत्मनिर्भर बनने में अधिक समय नहीं लगेगा।

    शक्ति और शांति दोनों की जरूरतः पीएम मोदी ने इस मौके पर पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम आजाद को भी याद किया। उन्होंने कहा कि, कलाम साबह ने कहा था, शक्ति और शांति दोनों की जरूरत होती है। इसी ध्येय के साथ हम आगे बढ़ेंगे।

    नौसेना का बजट बढ़ाने पर जोरः पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा पिछले समय में इंडो-पैसिफिक रीजन और इंडियन ओशन में सुरक्षा चिंताओं को लंबे समय तक नजरंदाज किया जाता रहा। लेकिन, आज ये क्षेत्र हमारे लिए देश की बड़ी रक्षा प्राथमिकता है। इसलिए हम नौसेना के लिए बजट बढ़ाने से लेकर उसकी क्षमता बढ़ाने तक हर दिशा में काम कर रहे हैं।

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