Saturday, July 27, 2024
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    यू. यू. ललित बने मुख्य न्यायाधीश, बार से मुख्य न्यायाधीश बनने वाले दूसरे जज हैं।

    उच्चतम न्यायालय के चीफ न्यायमूर्ति  एन. वी. रमना शुक्रवार को रिटायर हो गए। उनकी सेवानेवृति के बाद न्यायमूर्ति यू. यू. ललित  ने 49वें मुख्य न्यायधीश के रूप में शपथ ले ली है। न्यायमूर्ति  ललित इसी वर्ष 8 नवंबर को सेवा निवृत होना है। इसका अर्थ हुआ की मुख्य न्यायाधीश के कुर्सी पर वो मात्र 74 दिन ही बैठेंगे । इस दौरान मुख्य न्यायधीश ललित को उच्चतम न्यायालय में लंबित 492 संवैधानिक याचिकाओं की सुनवाई कर निपटाने की चुनौती होगी।

    उच्चतम न्यायालय की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध सूचना के आधार पर, 26 अगस्त तक न्यायालय में 71,411 अन्य मामले भी लंबित हैं। इनमें CAA, इलेक्टोरल बॉन्ड, UAPA, आर्टिकल 370, नोटबंदी और सबरीमाला जैसे मुद्दों पर सुनवाई लंबित हैं। क्रिमिनल लॉ विशेषज्ञ न्यायमूर्ति  ललित बार से उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बनने वाले वे दूसरे जज हैं।

    न्यायमूर्ति  ललित ने शुक्रवार को 3 महत्वपूर्ण सुधारों का वादा किया जिसमें केस की समय पर लिस्टिंग, बहुत आवश्यक मामलों की मेंशनिंग हेतु नयी प्रणाली बनाने और संवैधानिक पीठ की संख्या बढ़ाने की बात कही है।

    उच्चतम न्यायालय रजिस्ट्री की ओर से पहला मौका था जब मुख्य न्यायाधीश रमना ने आखिरी दिन की कार्यवाही का लाइव प्रसारण किया। विदाई समारोह से पूर्व कोर्टरूम में उपस्थित  अधिवक्ताओं से मुख्य न्यायधीश ने कहा कि, ‘मुझे लिस्टिंग और पोस्टिंग के मुद्दों पर ध्यान न देने के लिए खेद है। भारतीय न्यायपालिका लोकतंत्र की लहरों के साथ चलती है। इसे एक आदेश या निर्णय से परिभाषित नहीं कर सकते।’

    अधिवक्ताओं को समझाते हुए कहा कि सफलता का शार्टकट नहीं होता। उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन की तरफ से आयोजित इस विदाई समारोह में उन्होंने आगे कहा कि ‘मैंने 12 साल की उम्र में पहली बार गांव में बिजली देखी। 17 साल की उम्र में 10 हजार मजदूरों की अगुवाई की। आजकल अधिवक्ताओं को चेंबर मिलता है। मैं पेड़ के नीचे खड़े होकर मुवक्किल से बात करता था। किसी जज की जिंदगी में कितना संघर्ष होता है, यह वकील ही समझ सकता है।’

    वर्तमान में उच्चतम न्यायालय के दूसरे सबसे सीनियर जज न्यायमूर्ति  ललित केवल 74 दिनों के लिए ही मुख्य न्यायाधीश की कुर्सी पर बैठेंगे। क्योंकि 8 नवंबर को वे भी सेवा निवृत हो जाएंगे। न्यायमूर्ति  ललित ने जून 1983 में एक अधिवक्ता के तौर पर नामांकन किया और बॉम्बे हाईकोर्ट में प्रैक्टिस की, उसके बाद अपने प्रैक्टिस को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया।

    न्यायमूर्ति  ललित को अप्रैल 2004 में उच्चतम न्यायालय की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता के के तौर पर नॉमिनेट किया गया। उच्चतम न्यायालय के आदेश के अंतर्गत 2जी से जुड़े सभी मामलों में सुनवाई हेतु CBI के  लिए स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर के रूप में नियुक्त किया गया था। न्यायमूर्ति  ललित सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया लीगल सर्विसेज कमेटी के 2 कार्यकालों तक सदस्य भी रहे हैं।

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